*हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया 22वां राज्योत्सव* *सुकमावासियो को दी राज्य स्थापना दिवस की बधाई* जगदलपुर । अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में निरंत...
*हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया 22वां राज्योत्सव*
*सुकमावासियो को दी राज्य स्थापना दिवस की बधाई*
जगदलपुर । अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में निरंतर विकास, प्रशासनिक सुविधाओं का विस्तार, अंतिम छोर तक मूलभूूत संसाधनो की पहुँच और ग्रामीणों की संपन्नता सुनिश्चित करने शासन का प्रयास विगत दो वर्षों मेें सफल रहा है। बस्तर क्षेत्र और सुकमा वासियों की मुस्कान इस बात का प्रमाण है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और कैबिनेट मंत्री श्री कवासी लखमा के कुशल मार्गदर्शन से सुकमा जिला विकास के पथ पर अग्रसर है, जिससे निश्चित ही जिलेवासियों के जीवन में सुख, समृद्धि और सम्पन्न्ता आई है। प्रदेश के मुख्या किसानों और आदिवासियों के दर्द को, उनके जीवन के संघर्ष को भली भाँति जानते है, इसलिए सरकार बनने के बाद सबसे पहला फैसला मुखमंत्री श्री बघेल ने किसान भाईयों के हित में लिया। शाासन की मंशा हमेशा से ही आदिवासी जनता और उनके जल, जंगल, जमीन का संरक्षण और विकास रहा है, जिसके लिए निरंतर आदिवासी हित में नीतियाँ बनाई जा रही है। गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के साथ ही गढ़बो नवा बस्तर और गढ़बो नवा सुकमा के संकल्प को पूरा करने का काम किया जा रहा है।
आज छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर सुकमा में आयोजित राज्योत्सव कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री रेखचंद जैन, संसदीय सचिव छत्तीसगढ़ शासन ने सुकमावासियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए यह बाते कहीं। उन्होंने कहा की आज प्रदेश में 52 प्रकार के लघु वनोपज की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रहीं है, तेंदूपत्ता संग्राहकों को 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरे का पारिश्रमिक दिया जा रहा है, जो पहले केवल 2500 थी। इसके साथ ही बस्तर क्षेत्र के निवासियों की सुविधा के लिए नगद पारिश्रमिक भुगतान को शासन ने मंजूरी दी। सुकमा जैसे अतिसंवेदनशील क्षेत्र में निवास करने वाली जनता की मांग को पूरा करने के लिए शासन संकल्पित होकर कार्य कर रहा है, जिसके फलस्वरुप आज यहाँ बेहतर शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य, बेहतर सड़क, वनोपज का सही दाम, मूलभत सुविधाओं का लाभ वनवासियों को मिल रहा हैं।
शबरी ऑडिटोकरयम में आयोजित कार्यक्र में श्री जैन ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए प्रदर्शनी का अवलोकन किया और कहा कि शासन की जनहितैषी योजनाओं का लाभ अधिकाधिक लोगों को सुनिश्चित करें। इस दौरान उन्होंने वन विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायत विभाग, आदिवासी विभाग, सवास्थ्य विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग और मतस्य विभाग द्वारा शासकीय योजनाओं के प्रचार और उपलब्धियों को दर्शाने लगाई गई प्रदर्शनी के साथ ही जनसम्पर्क विभाग द्वारा लगाए गए फोटो प्रदर्शनी का अवलोन किया।
इस दौरान जिला कांग्रेस महामंत्री श्री हेमू उपाध्याय, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री हरीश कवासी, सुकमा नगर पालिका अध्यक्ष श्री जगन्नाथ साहू बस्तर जिला विधि विभाग के जिलाध्यक्ष अवधेश झा नगरनार ब्लाक अध्यक्ष विरेन्द्र साहनी,इंटुक जिलाध्यक्ष नितिश शर्मा, अनिल जैन सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, जिला पंचायत सदस्य गण एवं कलेक्टर श्री विनीत नन्दनवार, एसपी श्री सुनील शर्मा एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
*छत्तीसगढ़ की परम्परा और संस्कृति को मिल रही देश भर में पहचान- श्री हरीश कवासी*
इस अवसर पर राज्य स्थापना दिवस की बधाई देते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष श्री हरीश कवासी ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य का गठन 35 वर्षों के कठिन आंदोलन का परिणाम है। पृथक राज्य के गठन से प्रदेश की संस्कृति, कला और बोली को पहचान मिली। जिसके उद्देश्य को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के कुशल मार्गदर्शन ने साकार किया है। बस्तर की परम्परा, आस्था और संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए देवगुड़ी का विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंत्री श्री कवासी लखमा की सोच, सुकमा जिले का विकास, यहाँ के निवासियों को खुशहाल जीवन देने की रही है, जिसे वे पूर्ण कर रहे हैं। सुकमा क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार हुआ है, जिन जगहों पर डॉक्टर नहीं पहुँच पाते थे, शिक्षक नहीं पहुँच पाते थे, आज वहाँ अस्पताल का निर्माण कर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो रही है, स्कूलों की स्थापना से बच्चों को शिक्षा मिल रही है। डॉक्टर आज किस्टाराम और गोलापल्ली में जाकर सेवाएं दे रहे है। सलवा जुडूम के दौरान बंद हो गए थे, अब जगरगुण्डा जैसे अतिसंवेदनशील क्षेत्र के बच्चें भी उच्च प्रशासनिक पदों पर काबिज होगे। मुख्यमंत्री श्री बघेल के नेतृत्व में गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के संकल्प और प्रदेश के विकास से ही देश में लोगों का मान सम्मान बढ़ा है, हर समाज का विकास हो रहा है।
*शासन की मंशानुरुप, जिलेवासियों के विकास के लिए जिला प्रशासन कर रही कार्य-कलेक्टर*
कलेक्टर श्री विनीत नन्दनवार ने अपने संबोधन में विगत ढाई वर्षों के दौरान सुकमा जिले में हुए विकास कार्यों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि जिले के आदिवासी संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु सभी ग्राम पंचायतों में देवगुढ़ी निर्माण एवं जिर्णोद्धार का कार्य किया गया है। जिले में वर्षों से बन्द पड़े स्कूलों का पुनः संचालन कर शिक्षादूत के माध्यम से शिक्षा प्रदाय की जा रही है। वनों पर निर्भर रहने वाले ग्रामीणों के अधिकारों को सुदृढ़ करने व्यक्तिगत वन अधिकार के साथ ही सामुदायिक वन अधिकार एवं सामुदायिक वन संसाधन पत्र प्रदान किया गया है। जिले के अंदरुनी क्षेत्रों के ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं का लाभ प्रदान करने सुविधा शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जिससे अब तक 21 हजार 681 ग्रामीणों को आधार कार्ड, राशन कार्ड, पेंशन, स्वास्थ्य कार्ड आदि सुविधाएं प्राथमिकता के तौर पर उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही उन्हांेने स्वास्थ्य एवं सुपोषण के क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों के बारे में भी बताया।
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