रायपुर । देश दुनिया के बाद भारत में भी ओमिक्रॉन वैरिएंट ने दस्तक दे दी है। देश में ओमिक्रॉन के सबसे अधिक मरीज जयपुर में एक साथ 9 आए हैं। य...
रायपुर । देश दुनिया के बाद भारत में भी ओमिक्रॉन वैरिएंट ने दस्तक दे दी है। देश में ओमिक्रॉन के सबसे अधिक मरीज जयपुर में एक साथ 9 आए हैं। ये मरीज आरयूएचएस में आठ दिन से भर्ती हैं। भर्ती मरीजों पर डॉक्टरों की ओर से स्टडी के बाद सामने आया है कि यह स्ट्रेन माइल्ड है, लेकिन फैलता तेजी है। इसके बावजूद भी किसी ने कोविड प्रोटाकॉल तोड़ा तो महंगा पड़ सकता है। यह मरीजों की क्लीनिकल, रेडियोलॉजिकल और बायोकेमस्ट्रिी की जांच में सामने आया है।
ओमिक्रॉन कितना असर डालेगा...इस पर डॉक्टर्स की निगाह
राजधानी में 9 ओमिक्रॉन वैरिएंट के मरीज आरयूएचएस में भर्ती हैं। रिपोर्ट और स्टडी के आधार देखें तो कोई सिस्टम्स नहीं हैं। बायोकेमस्ट्रिी के आधार पर ब्लड टेस्ट सैंपल नॉर्मल हैं। रेडियोलॉजिकल देखते हैं तो सभी के एचआरसीटी जीरो हैं। इससे सामने आया है कि यह कोविड का माइल्ड स्ट्रेन है। -डॉ. अजीत सिंह, अधीक्षक, आयूएचएस
ओमिक्रॉन केस साउथ अफ्रीका के अलावा अमेरिका, इंग्लैंड बाद भारत में मिल चुके हैं। कहा जा सकता है कि यह माइल्ड स्ट्रेन है। किसी डेथ नहीं हुई पर लापरवाही ठीक नहीं। -डॉ. पुनीत सक्सेना, मेडिसिन विंग, एसएमएस
अभी तक परिणाम में सामने आया है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट घातक नहीं है। अस्पताल में भर्ती मरीजों की जांच भी सामान्य आई है। बाकी आने वाले समय में क्या रूप लेगा इस पर वैज्ञानिकों और डॉक्टरों की निगाह है। हम हर स्थिति से निपटने के लिए व्यवस्था कर रहे हैं। -डॉ. विनय मल्होत्रा, अधीक्षक, एसएमएस
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