रायपुर। अमृत भारत गणित यात्रा के समन्वयक और इंजीनियर बीएन राव ने आज रायपुर प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता में जानकारी देते हुए कहा कि आल इंडि...
रायपुर। अमृत भारत गणित यात्रा के समन्वयक और इंजीनियर बीएन राव ने आज रायपुर प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता में जानकारी देते हुए कहा कि आल इंडिया रामानुजन मैथ्स एंड साइंस क्लब के द्वारा अमृत भारत गणित यात्रा पूरे भारत वर्ष में निकाली गई , इस यात्रा का उद्देश्य गणित के प्रति जन जन की जागरूकता एवं आवश्यकता के सम्बन्ध में प्रचार प्रसार किया जाना है यह यात्रा जिसका शुभारम्भ आल इंडिया रामानुजन ग्रुप ऑफ़ मैथ्स एंड साइंस के अध्यक्ष डॉ चंद्रमौली जोशी जी के नेतृत्व में गुजरात स्थित सोमनाथ से 02 अक्टूबर 2021 को शुरू की गई थी विभिन्न राज्यों यथा गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब,जम्मू काश्मीर, हिमाचल प्रदेश उत्तराखण्ड उत्तर प्रदेश तमिलनाडु आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना इत्यादि से होते हुए छत्तीसगढ़ में आई है, इस यात्रा का समापन 22 दिसंबर 2021 को महान गणितज्ञ रामानुजन जी के जन्म दिवस पर त्रिपुरा राज्य के अगरतला में होगा इस यात्रा में देश के जाने माने गणितज्ञ एवं मैथ्स गुरु ऑफ इंडिया इंजीनियर बीएन राव, इसरो के सीनियर साइंटिस्ट जयंत जोशी, श्री ब्रजेश दीक्षित तथा मेहुल कुमार शामिल हैं
इस यात्रा के अंतर्गत 29 नवंबर को एन एच गोयल वर्ल्ड स्कूल तथा 30 नवंबर को कोलंबिया ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटुएशन्स में विभिन्न कार्यक्रम रखे गए हैं जिसमे 29 नवंबर को एन एच गोयल वर्ल्ड स्कूल में बतौर मुख्य अतिथि एससीईआरटी के डायरेक्टर राजेश सिंह राणा (आई ए एस) तथा 30 नवंबर को कोलंबिया ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटुएशन्स में बतौर मुख्य अतिथि सीजीकॉस्ट के डायरेक्टर डॉ बी के रॉय रहेंगे, तथा आल इंडिया रामानुजन ग्रुप ऑफ़ मैथ्स एंड साइंस के अध्यक्ष डॉ चंद्रमौली जोशी, मैथ्स गुरु ऑफ इंडिया इंजीनियर बी एन राव, इसरो के सीनियर साइंटिस्ट जयंत जोशी, ब्रजेश दीक्षित तथा मेहुल कुमार उपस्थित रहेंगे इनके अलावा इन कार्यक्रमों में एनएच गोयल के एसके तोमर तथा कोलंबिया ग्रुप के हरजीत सिंह हुरा एवं रविंदर हुरा भी उपस्थित रहेंगे।
साथ ही एनएच गोयल वर्ल्ड स्कूल के एसके तोमर ने बताया कि एन एच गोयल वर्ल्ड स्कूल में हर वर्ष 25 ग्रामीण अंचल के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दी जा रही है और क्लास 1 से 12 वीं तक हर क्लास में 25 बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दी जाएगी।कोलंबिया ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटुएशन्स के सचिव हरजीत सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 2006 में 6000 इंजीनियरिंग की सीटें थी जो आज बढकर 12000 हो गयी हैं इससे प्रतीत होता है कि इंजीनियरिंग में मैथ्स और साइंस के बच्चों की संख्या बढ़ी है जिससे बच्चों के लिए अन्य अवसर मिल रहे हैं।
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