नई दिल्ली । दिल्ली पुलिस ने लक्ष्मी नगर इलाके से आईएसआई के साथ कथित संबंध रखने वाले और यहां आतंकवादी हमला करने की साजिश रच रहे 40 वर्षीय प...
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नई दिल्ली । दिल्ली पुलिस ने लक्ष्मी नगर इलाके से आईएसआई के साथ कथित संबंध रखने वाले और यहां आतंकवादी हमला करने की साजिश रच रहे 40 वर्षीय पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रहने वाले मोहम्मद अशरफ को गिरफ्तार किया है और उसके कब्जे से भारी मात्रा में हथियार तथा गोला बारूद बरामद किया है। वहीं पकड़े गए आरोपी ने पुलिस से की गई पूछताछ में कईं चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सूत्रों के मुताबिक, साल 2011 में हाईकोर्ट के बाहर जो ब्लास्ट हुए थे उस दौरान इसने ही हाईकोर्ट की रेकी की थी। संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकी अशरफ को ब्लास्ट में शामिल एक संदिग्ध की फोटो दिखाई गई तो अशरफ ने बताया कि उसने ही हाईकोर्ट की रेकी की थी। हालांकि ये उस ब्लास्ट में शामिल था या नहीं ये अभी पूछताछ में साफ होगा।
10 साल से भारत में रह रहा था मोहम्मद अशरफ
पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) प्रमोद सिंह कुशवाहा ने बताया कि मोहम्मद अशरफ उर्फ अली बांग्लादेश के रास्ते भारत आया था और वह फर्जी दस्तावेजों के जरिये भारतीय पहचान पत्र हासिल करके 10 साल से भारत में रह रहा था। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि उसे सोमवार रात को गिरफ्तार किया गया। वह अपने को मौलाना के रूप पेश कर रहा था। कुशवाहा के अनुसार स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद अशरफ को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने सीधी भर्ती की थी और उसे छह महीने तक प्रशिक्षण दिया था। अधिकारियों ने बताया कि अशरफ आईएसआई के अपने आका नसीर के संपर्क में था जिसे वह नियोजित आतंकवादी हमले की सूचना देता था। अधिकारियों के अनुसार अशरफ ने दस सालों में पांच-छह ठिकाने बदले। वह किसी एक जगह लंबे समय तक नहीं रहता था और उसने दस्तावेज हासिल करने के लिए यहां एक महिला से शादी भी की। पुलिस के अनुसार उसकी निशानदेही पर एके-47 रायफल, अन्य हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया है। पुलिस के अनुसार, अशरफ को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है। पुलिस को संदेह है कि वह आतंकी मोड्यूल (गिरोह) का हिस्सा है। इस बात की जांच की जा रही है कि कहीं उसका इरादा अकेले हमला करने की तो नहीं थी।
त्योहारों के समय में एक बहुत बड़ी आतंकवादी साजिश विफल
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कहा कि उसने आईएसआई से संबंध रखने वाले और 10 साल से अधिक समय से भारत में रह रहे 40 वर्षीय एक पाकिस्तानी नागरिक को गिरफ्तार करके त्योहारों के समय में एक बहुत बड़ी आतंकवादी साजिश विफल कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल के रहने वाले मोहम्मद अशरफ उर्फ अली को पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मीनगर से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि संदेह है कि वह जम्मू कश्मीर एवं देश के अन्य हिस्सों में आतंकवादी हमलों में शामिल रह चुका है। पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक पूछताछ से खुलासा हुआ है कि अशरफ भारत में स्लीपर सेल के प्रमुख के रूप में काम कर रहा था और उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने त्योहारी सीजन में आतंकवादी हमला करने का जिम्मा सौंपा था। पुलिस ने दावा किया कि पूछताछ में उससे मिली जानकारी के आधार पर यमुना पार इलाके में छापे मारे गये और उस दौरान एक ए. के. 47 राइफल, एक हथगोला, ए. के. 47 के दो मैगजीन, 60 गोलियां, दो चीनी पिस्तौल, फर्जी दस्तावेज के आधार पर प्राप्त किये गये भारतीय पासपोर्ट और अन्य भारतीय पहचान पत्र बरामद किये गये।
दिल्ली में अपने को मौलाना के रूप पेश कर रह रहा था आरोपी
पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) प्रमोद सिंह कुशवाहा ने कहा, ‘‘अशरफ बांग्लादेश के रास्ते भारत आया था और वह एक दशक से अधिक समय से अली अहमद नूरी के नाम से देश में रह रहा था।'' उन्होंने कहा, ‘‘ सोमवार को सूचना मिली कि अशरफ लक्ष्मी नगर इलाके में ठहरा हुआ है, जिसके बाद लक्ष्मी नगर में एक टीम तैनात की गयी और उसने अशरफ को पकड़ लिया। '' पुलिस ने कहा कि अशरफ की गिरफ्तारी से त्योहारी सीजन में संभावित आतंकवादी हमला टल गया है । अधिकारियों के अनुसार पुलिस को दो महीने पहले सक्रिय स्लीपर सेल के बारे में सूचना मिली थी। पुलिस ने पाया कि इस पाकिस्तानी नागरिक को भारत में आतंकवादी हमला करने का निर्देश दिया गया है और वह अपनी तैयारी के आखिरी पड़ाव में था। पुलिस ने कहा कि यह भी पता चला कि अशरफ स्लीपर सेल का सक्रिय हिस्सा है और उसने पिछले कई सालों में कई आतंकवादी हमले किये और जासूसी की। पुलिस ने कहा कि अशरफ भारतीय पहचान पत्र हासिल करने में कामयाब रहा। वह दिल्ली में अपने को मौलाना के रूप पेश कर रह रहा था। पुलिस के अनुसार, मामले की गहन छानबीन एवं किसी भी आतंकवादी हमले को रोकने के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस उपायुक्त ने कहा कि स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद अशरफ को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने सीधी भर्ती की थी और उसे छह महीने तक प्रशिक्षण दिया था।
10 साल से भारत में रह रहा था मोहम्मद अशरफ
पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) प्रमोद सिंह कुशवाहा ने बताया कि मोहम्मद अशरफ उर्फ अली बांग्लादेश के रास्ते भारत आया था और वह फर्जी दस्तावेजों के जरिये भारतीय पहचान पत्र हासिल करके 10 साल से भारत में रह रहा था। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि उसे सोमवार रात को गिरफ्तार किया गया। वह अपने को मौलाना के रूप पेश कर रहा था। कुशवाहा के अनुसार स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद अशरफ को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने सीधी भर्ती की थी और उसे छह महीने तक प्रशिक्षण दिया था। अधिकारियों ने बताया कि अशरफ आईएसआई के अपने आका नसीर के संपर्क में था जिसे वह नियोजित आतंकवादी हमले की सूचना देता था। अधिकारियों के अनुसार अशरफ ने दस सालों में पांच-छह ठिकाने बदले। वह किसी एक जगह लंबे समय तक नहीं रहता था और उसने दस्तावेज हासिल करने के लिए यहां एक महिला से शादी भी की। पुलिस के अनुसार उसकी निशानदेही पर एके-47 रायफल, अन्य हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया है। पुलिस के अनुसार, अशरफ को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है। पुलिस को संदेह है कि वह आतंकी मोड्यूल (गिरोह) का हिस्सा है। इस बात की जांच की जा रही है कि कहीं उसका इरादा अकेले हमला करने की तो नहीं थी।
त्योहारों के समय में एक बहुत बड़ी आतंकवादी साजिश विफल
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कहा कि उसने आईएसआई से संबंध रखने वाले और 10 साल से अधिक समय से भारत में रह रहे 40 वर्षीय एक पाकिस्तानी नागरिक को गिरफ्तार करके त्योहारों के समय में एक बहुत बड़ी आतंकवादी साजिश विफल कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल के रहने वाले मोहम्मद अशरफ उर्फ अली को पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मीनगर से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि संदेह है कि वह जम्मू कश्मीर एवं देश के अन्य हिस्सों में आतंकवादी हमलों में शामिल रह चुका है। पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक पूछताछ से खुलासा हुआ है कि अशरफ भारत में स्लीपर सेल के प्रमुख के रूप में काम कर रहा था और उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने त्योहारी सीजन में आतंकवादी हमला करने का जिम्मा सौंपा था। पुलिस ने दावा किया कि पूछताछ में उससे मिली जानकारी के आधार पर यमुना पार इलाके में छापे मारे गये और उस दौरान एक ए. के. 47 राइफल, एक हथगोला, ए. के. 47 के दो मैगजीन, 60 गोलियां, दो चीनी पिस्तौल, फर्जी दस्तावेज के आधार पर प्राप्त किये गये भारतीय पासपोर्ट और अन्य भारतीय पहचान पत्र बरामद किये गये।
दिल्ली में अपने को मौलाना के रूप पेश कर रह रहा था आरोपी
पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) प्रमोद सिंह कुशवाहा ने कहा, ‘‘अशरफ बांग्लादेश के रास्ते भारत आया था और वह एक दशक से अधिक समय से अली अहमद नूरी के नाम से देश में रह रहा था।'' उन्होंने कहा, ‘‘ सोमवार को सूचना मिली कि अशरफ लक्ष्मी नगर इलाके में ठहरा हुआ है, जिसके बाद लक्ष्मी नगर में एक टीम तैनात की गयी और उसने अशरफ को पकड़ लिया। '' पुलिस ने कहा कि अशरफ की गिरफ्तारी से त्योहारी सीजन में संभावित आतंकवादी हमला टल गया है । अधिकारियों के अनुसार पुलिस को दो महीने पहले सक्रिय स्लीपर सेल के बारे में सूचना मिली थी। पुलिस ने पाया कि इस पाकिस्तानी नागरिक को भारत में आतंकवादी हमला करने का निर्देश दिया गया है और वह अपनी तैयारी के आखिरी पड़ाव में था। पुलिस ने कहा कि यह भी पता चला कि अशरफ स्लीपर सेल का सक्रिय हिस्सा है और उसने पिछले कई सालों में कई आतंकवादी हमले किये और जासूसी की। पुलिस ने कहा कि अशरफ भारतीय पहचान पत्र हासिल करने में कामयाब रहा। वह दिल्ली में अपने को मौलाना के रूप पेश कर रह रहा था। पुलिस के अनुसार, मामले की गहन छानबीन एवं किसी भी आतंकवादी हमले को रोकने के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस उपायुक्त ने कहा कि स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद अशरफ को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने सीधी भर्ती की थी और उसे छह महीने तक प्रशिक्षण दिया था।
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