रायपुर। तमाम विरोध के बाद दिल्ली ले जाकर जिस प्रकार कांग्रेसियों को भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय ने पार्टी में शामिल करवाया है,सियासी...
रायपुर। तमाम विरोध के बाद दिल्ली ले जाकर जिस प्रकार कांग्रेसियों को भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय ने पार्टी में शामिल करवाया है,सियासी गलियारे में चर्चा तेज हो गई है कि आलाकमान ने प्रदेश भाजपा नेताओं के बीच चल रहे गुटबाजी से खिन्न होकर नए नेतृत्व के रूप में साय का चेहरा आगे कर सकती है। हाल ही में पुरंदेश्वरी और शिवप्रकाश उनके घर खाना खाने गए थे। चिंतन शिविर में जिस प्रकार मांद की थाप पर सारे नेताओं को खुशनुमा माहौल देने का साय ने प्रयास किया था,और आज जिस कांग्रेसी नेता को पार्टी में शामिल करवाते ही उसे नशामुक्त समाज आंदोलन का प्रदेश प्रभारी बनाना मतलब सतनामी व आदिवासी वोट बैंक को साधने की बड़ी कोशिश भी दिख रही है।
दिल्ली से मिली खबरों के मुताबिक इन नेताओं को भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं से साय ने मुलाकात करवायी है। मोदी से मिलवाने का प्रयास भी चल रहा है। खास बात यह भी कि इन कांग्रेसियों के शामिल होने के दौरान प्रदेश भाजपा का कोई दिगर नेता वहां नहीं था। प्रदेश भाजपा में नाम लेने की जरूरत नहीं है जिस प्रकार की खेमेबंदी हैं सबको मालूम है कौन कहां हैं, चिंतन शिविर के बाद दिल्ली जाकर पुरंदेश्वरी ने नड्डा को एक रिपोर्ट भी दी है। माना जा रहा है कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारी के मद्देनजर अभी से कमर कस ली है। बस्तर चिंतन बैठक के बाद यह कवायद भी इसी कड़ी से जुड़ी है। पिछले चुनाव से पहले तक काफी उपेक्षित रहे साय का एकाएक सक्रिय होना व दिल्ली में मे मिल रहे महत्व के कई सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं।
इधर विरोध के सुर के बीच भाजपा में शामिल होते ही वेदराम मनहरे को नशामुक्त समाज आंदोलन का प्रभारी बना दिया गया है। उनके साथ गए 10 लोग सह प्रभारी होंगे। इन सभी सह प्रभारियों को 3-3 जिलों का प्रभार दिया गया है। जहां नशा मुक्ति के लिए आंदोलन चलाकर काम करेंगे। नंदकुमार साय खुद काफी अरसे से नशा विरोध अभियान में लगे हुए हैं। फिलहाल इस मुद्दे पर भाजपा के प्रादेशिक नेता कुछ नहीं बोल रहे हैं क्योकि मनहरे को यह प्रभार दिल्ली से मिला है.
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